यà¥à¤µà¤¾ समाजः साथ या सामने
आजकल हमारी यà¥à¤µà¤¾ पीà¥à¥€ की मानसिक दशा कैसी हो गयी है यह कोई नहीं समठपा रहा है। छोटी-छोटी बातों पर कà¥à¤°à¥‹à¤§à¤¿à¤¤ होने लग गठहैं। यह बीमारी सà¤à¥€ आयà¥à¤µà¤°à¥à¤—ों के लोगों में देखी जाने लगी है। हमारी सहनशकà¥à¤¤à¤¿ काफी कà¥à¤·à¥€à¤£ हो गयी है। हमारा सà¥à¤µà¥€à¤•ारोकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¤¾à¤µ विलà¥à¤ªà¥à¤¤ होता जा रहा है तथा नकारने की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ बà¥à¤¤à¥€ जा रही है जिस कारण सà¤à¥€ लोग तनाव की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में रहने लगे हैं। इससे उबरने के लिठहम विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ आशà¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¥€à¤œà¤¨à¥‹à¤‚ की शरण में जाने लगे हैं और à¤à¤¸à¤¾ देखा जा रहा है कि वहाठà¤à¥€ मानसिक शांति की पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ नही हो रही है। शांत व अशांत ये à¤à¤• मानसिक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है जो हमारे संतà¥à¤·à¥à¤Ÿ अथवा असंतà¥à¤·à¥à¤Ÿ होने पर या पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ अथवा अपà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨à¤¤à¤¾ की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती है। यह सिरà¥à¤« मानसिक नियंतà¥à¤°à¤£ से ही दूर की जा सकती है।
आज हमने साथ खड़ा होना छोड़ दिया है, हम सामने खड़े हो जाते हैं तथा इसी कारण अहंकार, कà¥à¤°à¥‹à¤§ व विरोध के à¤à¤¾à¤µ से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ हो जाते हैं। कारण? हमने जो नकारने की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¤¿ विकसित कर ली है, यह खासकर छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ से लेकर यà¥à¤µà¤¾à¤“ं तक में उगà¥à¤° रूप में देखने को मिलती है। जैसे-जैसे आयॠ35-40 पर पहà¥à¤à¤šà¤¤à¥€ है तो वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ थोड़ा संयमित होना सीख लेता है। इस पà¥à¤°à¤•ार के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° का कारण उनको बचपन में माता-पिता दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ उचित समय न दिया जाना, उनको अचà¥à¤›à¥€ बातों के बारे में न बताना तथा जरा सी जिद करने पर उनकी गलत बातों को मान लेना आदि है। बचà¥à¤šà¥‡ जब सà¥à¤•ूल जाते हैं तो वहाठà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• सिरà¥à¤« पà¥à¤¾à¤¤à¥‡ ही हैं और अनà¥à¤¯ किसी पà¥à¤°à¤•ार की रूचि बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ में नहीं दिखाते हैं। बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के बीच कई पà¥à¤°à¤•ार की समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤ रोजाना उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ होती रहती हैं, रोजाना आपसी मनमà¥à¤Ÿà¤¾à¤µ होते रहते हैं, उनको समà¤à¤¨à¤¾, समà¤à¤¾à¤¨à¤¾ व हल करना à¤à¥€ à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• का कतà¥à¤°à¥à¤¤à¤µà¥à¤¯ होना चाहिà¤à¥¤ à¤à¤¸à¥‡ छातà¥à¤° जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ घर में माता-पिता से अचà¥à¤›à¥€ परवरिश नहीं मिलती तथा सà¥à¤•ूल में अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• à¤à¥€ उनकी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं का समाधान नहीं करते वे या तो अवसाद में चले जाते हैं या अति उगà¥à¤° हो जाते हैं। अवसाद में जाने वाले छातà¥à¤° कà¤à¥€-कà¤à¥€ आतà¥à¤®à¤˜à¤¾à¤¤à¥€ कदम à¤à¥€ उठा लेते हैं तथा जो छातà¥à¤° उगà¥à¤° होते हैं वे मार-पिटाई, सड़कांे पर दंगा करने अथवा रोड-रेज जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। आज हमारे अधिकतर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की जो देखà¤à¤¾à¤² घर व सà¥à¤•ूल में होनी चाहिठवह नहीं हो पा रही है तथा समाज में à¤à¥€ कोई à¤à¤¸à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾ नहीं है जो छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ व यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को समठकर उनको उचित दिशा दे सके। हादसा होने के बाद सिरà¥à¤« अफसोस करने व पछताने के अतिरिकà¥à¤¤ कà¥à¤› नहीं बचता।
आज आवशà¥à¤¯à¤•ता है कि माता-पिता व सà¥à¤•ूल मिलजà¥à¤² कर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के उचित विकास के बारे में सोचें। समाज में à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ संसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤ बननी चाहिà¤à¤ जो बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को संधà¥à¤¯à¤¾à¤•ाल में पंदà¥à¤°à¤¹ से बीस मिनट के लिठसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ रहने, पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ रहने à¤à¤µà¤‚ चरितà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ की बातों को बताà¤à¤, उनको सà¥à¤¨à¥‡ और समà¤à¥‡à¥¤ यदि माता-पिता, अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤• व समाज सà¤à¥€ मिलकर बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ सà¥à¤¤à¤° पर सà¥à¤¨à¤‚े व उनकी समसà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को हल करें तो à¤à¤• अचà¥à¤›à¥‡ और यà¥à¤µà¤¾ समाज का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ हो सकता है।
घर पर माता-पिता अथवा दादा-दादी बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के साथ समय बिताà¤à¤, उनको किसà¥à¤¸à¥‡ कहानियाठसà¥à¤¨à¤¾à¤à¤, उनको छोटी-मोटी शारीरिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ जिनमें वà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤®, योग आदि शामिल हों कराà¤à¤ तथा उनको इसके लाठà¤à¥€ बताà¤à¤ तो बचà¥à¤šà¤¾ इस पà¥à¤°à¤•ार की कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ में ले आà¤à¤—ा जो पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ रहने व सामंजसà¥à¤¯ बिठाने में मददगार होता है। इससे बचà¥à¤šà¥‡ संयमित हो जाते हैं। कहते हैं शेयर करेंगे तो केयर होगी।
सà¥à¤•ूलों में à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ 15 मिनट की शारीरिक कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ कराई जानी चाहिà¤à¤ जिनसे शरीर के सà¤à¥€ अंगो का संचालन हो सके। 2-3 मिनट का पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¯à¤¾à¤®, सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¸ खींचना व छोड़ना जैसी आसान कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤ कराकर नवीन ऊरà¥à¤œà¤¾ का संचार किया जा सकता है। समूह में बचà¥à¤šà¥‡ à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं को आसानी से कर लेते हैं। इस पà¥à¤°à¤•ार के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ से छातà¥à¤° में शारीरिक शकà¥à¤¤à¤¿ à¤à¥€ विकसित होती है तथा साथ ही व परेशानियों व तनाव को à¤à¥€ à¤à¥‚ल जाता है। छोटे छोटे अनà¥à¤¤à¤°à¤¾à¤² के लिठही सही परनà¥à¤¤à¥ ये कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤à¤‚ उसको परेशानी से धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ हटानेे के लिठअति आवशà¥à¤¯à¤• हैं।
समाज को चाहिठकि वह à¤à¥€ अपने घर के बड़े बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को इस काम में लगाà¤à¤, आस-पास के मैदान, सामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• केंदà¥à¤°, कोई हाल अथवा अनà¥à¤¯ सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ में बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥‡à¤œà¤¾ जाठवहाठउनको बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों के साथ समय बिताने के लिठकम से कम आधा घणà¥à¤Ÿà¤¾ जरà¥à¤° छोड़ें। इस पà¥à¤°à¤•ार बà¥à¤œà¥à¤°à¥à¤—ों को à¤à¥€ à¤à¤• आतà¥à¤® संतà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ होगी तथा बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को à¤à¥€ उनके जीवन के अनà¥à¤à¤µà¥‹à¤‚ का ततà¥à¤µ जà¥à¤žà¤¾à¤¨, समानà¥à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ व मूलà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤§à¤• बातों की जानकारी अवशà¥à¤¯ मिलेगी। à¤à¤¸à¥‡ कारà¥à¤¯à¤¾à¤‚े के लिठसामà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• केंदà¥à¤°à¥‹ का चयन किया जा सकता है।
आज बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ के अनà¥à¤¦à¤° à¤à¤• तूफान उठा रहता है, उसको शानà¥à¤¤ करने कि लिठसमाज के सà¤à¥€ वरà¥à¤—ों, माता-पिता, दादा-दादी à¤à¤µà¤‚ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•गण को समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ निà¤à¤¾à¤¨à¥€ होगी। à¤à¤• दूसरे को विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ में लेना होगा। यदि माता-पिता दादा-दादी à¤à¤µà¤‚ अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•गण कà¥à¤› अतिरिकà¥à¤¤ समय बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ को दे सकें तो काफी सà¥à¤§à¤¾à¤° पाया जा सकेगा।
यदि शà¥à¤°à¥‚ में ही धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ नही दिया गया तो यà¥à¤µà¤¾ समाज दिगà¥à¤à¥à¤°à¤®à¤¿à¤¤ हो जाà¤à¤—ा तथा देश का à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ कà¥à¤¯à¤¾ होगा इसकी परिकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करना à¤à¥€ à¤à¤¯à¤¾à¤µà¤¹ है। मिलजà¥à¤² कर आपसी सामंजसà¥à¤¯ व विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के साथ किठगठकारà¥à¤¯à¤¾à¥‡à¤‚ में सफलता जरूर मिलती है, चाहे वह धीमी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° की ही हो। यà¥à¤µà¤¾ देश की अमूलà¥à¤¯ निधि हैं हमें इनà¥à¤¹à¤‚े समà¥à¤à¤¾à¤² कर रखना है।
-के0 सी0 पाणà¥à¤¡à¥‡à¤¯